मुस्लिम व्यावसायियों द्वारा हिन्दू-आस्था से जुड़े नामों का प्रयोग: हिन्दू-आस्था के वशीभूत या साजिश
यहाँ प्रश्न यह उठता है कि क्या कारण हैं कि एक धर्म विशेष के लोग इस प्रकार अपनी पहचान को छिपाकर दूसरे धर्म के देवी-देवताओं के नाम अथवा प्रतीकों को अपनाकर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का संचालन कर रहे हैं। एक अन्य प्रश्न यह है कि क्यूँ इस आदेश को मात्र मुस्लिम विरोधी माना गया जबकि यह आदेश तो सभी धर्मों के होटलों, ढाबों व ठेले-रेहड़ी इत्यादि के संचालकों के लिए था चाहे फिर उनका सम्बन्ध किसी भी धर्म से हो।